भारत के प्रमुख तीर्थस्थल
इस पुस्तक में शक्तिपीठ एवम उनकी अवधारणा तथा तीर्थस्थलों के महात्म्य का
विश्लेषण करते हुए भारतवर्ष में स्थित चारों धामों ,द्वादश ज्योतिर्लिंगों एवम प्रमुख
शक्तिपीठों का सचित्र विस्तृत वर्णन किया गया है। ऐसे महत्वपूर्ण तिरपन तीर्थस्थलों
की भौगोलिक स्थिति,पौराणिक एवम ऐतिहासिक साक्ष्य,अन्य दर्शनीय स्थल,आवागमन
की सुविधाएँ एवम ठहरने आदि की व्यवस्थाओं का विस्तृत वर्णन करते हुए लेखक
ने उसकी सांस्कृतिक ,धार्मिक पृष्ठभूमि को भी प्रकाश में लाया है। इस प्रकार इन
तीर्थस्थलों को राज्यवार प्रस्तुत करते हुए उनका विस्तृत परिचय लेखक द्वारा पाठकों
के सम्मुख रखने का प्रयास किया गया है।
डॉ ० प्रणव पण्ड्या ,प्रमुख अखिल विश्व गायत्री परिवार,एवम कुलाधिपति देवसंस्कृति
विश्वविद्यालय हरिद्वार, महंत जनमेजय शरण जी महराज ,पीठाधीश्वर रसिकपीठ
जानकीघाट बड़ास्थान ,अयोध्या ,बिन्दुगाद्याचार्य महंत देवेंद्रप्रसादाचार्य जी ,अध्यक्ष,श्री रामप्रसाद सेवा ट्रस्ट ,अयोध्या एवम स्वामी आत्मानन्द सरस्वती जी द्वारा अपना स्नेहपूर्ण
आशीर्वचन इस पुस्तक के प्रकाशन हेतु दिया गया है। इस पुस्तक की कुल पृष्ठ संख्या २२८ है।
लोकार्पण ---दिनाँक १९ मार्च २०१७ समय १२ बजे
स्थान --- हिंदी संस्थान ,हज़रतगंज, लखनऊ